India News Delhi (इंडिया न्यूज़), High Court: बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक निर्णय में कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को केंद्र सरकार के ऑफिस मेमोरेंडम के अंतर्गत भारतीयों और विदेशियों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करने की अधिकार नहीं है। इस फैसले के मुताबिक, इसका मतलब है कि बैंक मैनेजरों को अपनी मर्जी से एलओसी जारी करने का अधिकार नहीं है।
इस निर्णय से यह स्पष्ट हो गया है कि किसी भी व्यक्ति के विदेश यात्रा को प्रतिबंधित करने वाले मौजूदा आदेशों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा प्रबंधित LOC, अफसरों को व्यक्तियों को भारत से रोकने में सहायक होती है। इन सर्कुलर्स को पहली बार 2010 में जारी किया गया था और बाद में संशोधित किया गया। साथ ही साथ इन सर्कुलर्स को लीगल स्क्रूटनी का सामना करना पड़ा।
High Court: याचिकाकर्ताओं का क्या है कहना
याचिकाकर्ताओं ने कहा- यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे सर्कुलर मौलिक अधिकारों, विशेष रूप से भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन करते हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों के वित्तीय हित राष्ट्र के आर्थिक हितों के बराबर नहीं होने चाहिए।
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं
गृह मंत्रालय ने कार्यालय ज्ञापन की वैलिडिटी का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने सुरक्षा, संप्रभुता और आतंकवाद विरोधी व्यापक राष्ट्रीय हितों की रक्षा की है। LOC जारी करने में जांच और संतुलन की उपस्थिति पर मंत्रालय ने जोर दिया और कहा कि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं है।
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