Friday, July 5, 2024
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Delhi वालों को और भी झेलनी होगी परेशानी, इस साल भी पूरा नहीं होगा इस फ्लाईओवर का काम

India News (इंडिया न्यूज़),New Delhi : नई दिल्ली एरिया से पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार और Noida आने-जाने यात्रियों को सिग्नल फ्री ट्रैफिक के लिए अभी और लंबा इंतजार करना पड़ेगा। क्यूंकि सामने आई जानकारी के अनुसार, INA से मयूर विहार फेज-1 और नोएडा आने-जाने के लिए जिस बारापूला फेज-3 फ्लाईओवर का निर्माण हो रहा है, उसका काम फंड के अभाव में धीरे हो गया है। अधिकारीयों के अनुसार, इस परियोजना को पूरा करने के लिए करीब 250 करोड़ रुपये की जरूरत है, ताकि प्राइवेट एजेंसी को भुगतान किया जा सके। वहीँ, फ्लाईओवर की राह में 350 पेड़ भी हैं, जिन्हें काटना पड़ेगा। मालूम हो, इस प्रोजेक्ट पर काम अप्रैल, 2015 में शुरू हुआ था। जो 9 साल बाद भी यह पूरा नहीं हो सका है।

भुगतान में देरी बना वजह

पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों के मुताबिक, बारापूला फेज-3 फ्लाईओवर की लंबाई तक़रीबन 3.5 किमी है। शुरुआत में फ्लाईओवर का निर्माण पीडब्ल्यूडी ने 964 करोड़ रुपये तैयार किया था। हालाँकि , निर्माण में 9 साल की देरी की वजह से यह लागत बढ़कर 1068.4 करोड़ रुपये हो गया है। शुरुआती लागत के करीब 81.4% (785.31 करोड़) रुपये फ्लाईओवर निर्माण करने वाली निजी एजेंसी को भुगतान भी कर दिया गया है। बतया जा रहा अभी कंपनी को 250 करोड़ रुपये एजेंसी को और भुगतान करना है। न तो यह फंड जारी हो रहा है और न ही एजेंसी को दिया जा रहा है। जिसके वजह से एजेंसी ने काम की रफ्तार स्लो कर दी है।

दूसरी बड़ी ये समस्या

वहीँ, दूसरी समस्या फ्लाईओवर की राह में पेड़ों को लेकर है। मिली जानकरी के अनुसार, इस फ्लाईओवर निर्माण के लिए करीब 350 पेड़ों को काटना है। pwd को फ्लाईओवर निर्माण इसी साल अक्टूबर में कंप्लीट करने को कहा गया है। लेकिन, जिस रफ्तार से काम चल रहा है, उससे अक्टूबर तक काम कंप्लीट होना मुश्किल ही है।

जमीन की समस्या हुई सॉल्व

वहीँ , इस मामले में pwd अफसरों का ये भी कहना है कि लंबे समय तक बारापूला फेज-3 फ्लाईओवर प्रोजेक्ट जमीन न मिलने को लेकर लंबित रहा। शुरुआत में 3.5 किमी लंबे इस फ्लाईओवर के लिए 8.5 एकड़ जमीन की आवश्यकता थी। नांगली रजापुर गांव के किसान इसके लिए जमीन देने को तैयार नहीं थे। जैसे-तैसे किसानों से तकरीबन 6 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर काम शुरू किया गया। फिर भी 2.5 एकड़ जमीन के कारण कुछ हिस्सा बाकी रह गया है। हालाँकि, अब इसमें से भी ज्यादातर जमीन का हिस्सा अधिग्रहण हो गया है। अब फ्लाईओवर के लिए सिर्फ 0.25 एकड़ जमीन को ही किसानों से लेना है।

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