India News (इंडिया न्यूज़),Delhi Rat Miner: रैट माइनर वकील हसन ने राजधानी दिल्ली में दूसरे घर के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है। दरअसल, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने उनके घर को अवैध बताते हुए बुलडोजर से गिरा दिया था। उस दिन के बाद से वकील अपने परिवार के साथ फुटपाथ पर रह रहे हैं। हसन ने कहा, ‘शुक्रवार शाम को एसडीएम समेत चार सरकारी अधिकारी मेरे पास आए और मुझे दिलशाद गार्डन में एक घर की पेशकश की, लेकिन मैंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया क्योंकि वे चाहते थे कि मैं अस्थायी रूप से वहां शिफ्ट हो जाऊं। जिस घर में वे मुझे शिफ्ट कर रहे थे वह एक एनजीओ का है। अधिकारी मुझे लिखित में कुछ नहीं दे रहे थे। मालूम हो, इससे पहले भी वकील हसन ने एक घर का ऑफर ठुकरा दिया था।
बुलडोजर कार्रवाई के कुछ घंटों बाद DDA अधिकारियों ने वकील हसन को नरेला में एक फ्लैट देने की पेशकश की थी। यह फ्लैट हसन के ध्वस्त घर (उत्तर-पूर्वी दिल्ली में खजूरी खास) से बहुत दूर था। हसन ने इस प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि ‘वह जगह बहुत दूर और असुरक्षित है।’
रैट माइनर वकील हसन से पूछा गया कि दूसरा घर खजूरी खास के करीब है, ऐसे में आप दिलशाद गार्डन का ऑफर क्यों ठुकरा रहे हैं? इस पर उन्होंने कहा, ‘डीडीए ने जो मेरा घर तोड़ा, उसकी कीमत एक करोड़ रुपये से ज्यादा थी। ऐसे में अगर सरकार मुझे मुआवजा देना चाहती है तो उसी आधार पर दे। बुधवार को हुई बुलडोजर कार्रवाई के बाद से हसन का परिवार फुटपाथ पर रह रहा है ।हसन ने यह भी बताया कि अधिकारी उन्हें अस्थायी रूप से दिलशाद गार्डन में शिफ्ट होने के लिए कह रहे हैं। उन्होंने यह भी दावा किया कि यह घर एक एनजीओ का है।
बता दें, पिछले साल उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में 41 मजदूर फंस गए थे। बचाव अभियान कुल 17 दिनों तक जारी रहा। खनन मजदूरों को निकालने के लिए दिल्ली से 12 रैट माइनर भेजे गए। इनमें वकील हसन भी शामिल थे।