होम / Masik Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर ऐसे करें काल भैरव की पूजा, भय और पीड़ाओं से मिलेगी मुक्ति

Masik Kalashtami 2024: कालाष्टमी पर ऐसे करें काल भैरव की पूजा, भय और पीड़ाओं से मिलेगी मुक्ति

• LAST UPDATED : May 22, 2024

India News Delhi (इंडिया न्यूज),Masik Kalashtami 2024: हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। मान्यताओं के अनुसार कालाष्टमी को भैरवाष्टमी भी कहा जाता है, क्योंकि यह काल भैरव (भैरवनाथ) को समर्पित है। काल भैरव देव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। माना जाता है कि काल भैरव भी भगवान शिव के पांचवें अवतार थे, इसलिए इस दिन भगवान शिव और उनके रूप काल भैरव की विशेष पूजा की जाती है।

मान्यता है कि कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के साथ-साथ उनके स्वरूप काल भैरव की विधि-विधान से पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में चल रही सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। यह भी माना जाता है कि काल भैरव की पूजा करने से तंत्र-मंत्र की सिद्धि मिलती है। तंत्र मंत्र की सिद्धि के लिए निशिता मुहूर्त में काल भैरव की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ माह का कालाष्टमी व्रत कब रखा जाएगा और इस दिन पूजा का शुभ समय क्या है और इस व्रत की पूजा विधि क्या है?

जानें शुभ मुहूर्त?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि गुरुवार, 30 मई 2024 को सुबह 11:44 बजे शुरू होगी और अगले दिन 31 मई 2024 को सुबह 9:38 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, ज्येष्ठ 30 मई 2024 दिन गुरुवार को कालाष्टमी मनाई जाएगी और व्रत रखा जाएगा।

ऐसे करें भगवान काल भैरव की पूजा

कालाष्टमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई और दैनिक क्रियाएं करने के बाद स्नान करें और सुबह पूजा के समय घर के मंदिर या पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं और भगवान भैरव देव की पूजा करें। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ संपूर्ण शिव परिवार की भी पूजा करनी चाहिए। पूजा का समापन आरती के साथ करें। – अब भगवान को भोग लगाएं और पूजा में हुई गलतियों के लिए भगवान से क्षमा प्रार्थना करें. इसके बाद सूर्य देव को जल चढ़ाएं और व्रत शुरू करें। व्रत के दौरान सात्विक भोजन ही करें।

Read More:

 

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox