India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Manish Sisodiya: दिल्ली की शराब नीति के मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के संलग्न होने के संबंध में चार्ज फ्रेम (आरोप तय) करने की मांग पर अभी शुरू नहीं करने की याचिका दाखिल की गई है। यह समाचार दिल्ली के कई अखबारों और न्यूज चैनलों में बड़ा चर्चा बन गया है।सीबीआई की जांच के दौरान एक याचिका पर याचिकाकर्ता के वकीलों ने मांग की है कि मामले में चार्ज फ्रेम करने का प्रारंभ नहीं किया जाए। मामले की सुनवाई के दौरान, सीबीआई के जांच अधिकारी ने इस मामले में जांच की पूरी होने का इस्तीफा दिया है, लेकिन अभी भी जांच जारी है।
याचिकाकर्ता के वकीलों ने कहा कि अगर सीबीआई किसी को गिरफ्तार करती है तो चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए, और उन्होंने कहा कि मामले में गिरफ्तारी हो चुकी है और बयान भी रिकॉर्ड किया गया है, इसलिए अभी चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई शुरू नहीं होनी चाहिए। इस मामले में जांच अधिकारी ने कहा था कि मामले में जांच तीन-चार महीने में पूरी हो जाएगी, लेकिन अभी भी जांच जारी है। यह विवाद दिल्ली के राजनीतिक माहौल में एक नई बहस का कारण बन गया है।
कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि अगर उनके हाईकोर्ट में कोई याचिका दाखिल हुई है तो उसका आदेश दिखाएं। याचिकाकर्ता के वकील ने बताया कि हाईकोर्ट अभी याचिका की सुनवाई के लिए नहीं आई है। साथ ही, दिल्ली शराब नीति से जुड़े सीबीआई मामले में चार्ज फ्रेम करने की मांग को लेकर राउज ऐवन्यू कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा है।
सीबीआई ने आरोपियों की इस याचिका का विरोध किया है और कहा है कि जितनी चार्जशीट दाखिल हुई है, उसी पर बहस की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि नई चार्जशीट पर या जिस जांच में काम चल रहा है, उस पर अभी चार्ज फ्रेम करने पर कोई बहस नहीं की जाएगी। कोर्ट ने भी कहा कि अभी तक उन्हें याचिका की कॉपी नहीं मिली है और उन्हें समय पर याचिका दाखिल करनी चाहिए थी ताकि आज उनकी याचिका पर सुनवाई हो सके।
राउज ऐवन्यू कोर्ट ने CBI मामले में मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत को 7 मई तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 7 मई को होगी। आरोपियों के वकील ने जज के सामने मांग की कि उन्होंने कोर्ट रूम से वॉक आउट नहीं किया था, और उसके लिए माफी भी मांगी। जज ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ऐसा बर्ताव पहले बार देखा गया है, जैसे आपने पूरे होने के बाद सभी कोर्ट के बाहर चले गए थे, बिना किसी अनुमति के और कोर्ट से इजाजत लिए।
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