Monday, May 20, 2024
HomeinternationlSolar Energy: सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान से आगे निकला भारत, दुनियाभर...

Solar Energy: सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान से आगे निकला भारत, दुनियाभर में तीसरे स्थान पर पहुंचा

India News Delhi(इंडिया न्यूज़),  Solar Energy: भारत, पिछले साल जापान को पीछे छोड़कर दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उत्पादक बन गया है। इसकी रिपोर्ट ग्लोबल एनर्जी सेक्टर में काम करने वाले शोध संस्थान एंबर ने जारी की है। 2015 में भारत सौर ऊर्जा के उपयोग में नौवें स्थान पर था, लेकिन पिछले साल यहां की कुल बिजली उत्पादन का 5.8 प्रतिशत सौर ऊर्जा से हुआ।

भारत ने पिछले साल जापान को पीछे छोड़कर दुनिया में सौर ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक बन गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पिछले साल 5.8 प्रतिशत बिजली उत्पादन को सौर ऊर्जा से प्राप्त किया। इससे पहले भारत 2015 में सौर ऊर्जा के उपयोग में नौवें स्थान पर था। एंबर के एशिया कार्यक्रम के निदेशक आदित्य लोला के मुताबिक, सौर ऊर्जा का उपयोग केवल कार्बन प्रदूषण को कम करने के लिए ही नहीं, बल्कि इकॉनमी को भी मजबूत करने में मदद कर सकता है।

Solar Energy: भारत 2015 में था नौवें स्थान पर था

रिपोर्ट के मुताबिक, सौर ऊर्जा ने लगातार 19वें वर्ष में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते बिजली स्रोत के रूप में अपनी उपयोगिता बढ़ाई है। पिछले साल, सौर ऊर्जा की मांग को ध्यान में रखते हुए कोयले की तुलना में इस स्वच्छ ऊर्जा स्रोत से ज्यादा बिजली उत्पन्न हुई है। भारत में 2023 में सौर ऊर्जा उत्पादन में हुई वृद्धि ने दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है।

भारत इस मामले में चीन, अमेरिका और ब्राजील से पीछे है। इन चारों देशों की सौर ऊर्जा वृद्धि में हिस्सेदारी 2023 में 75 प्रतिशत रही। दुनिया भर में सौर उत्पादन 2023 में 2015 की तुलना में छह गुना अधिक था, जैसा कि रिपोर्ट में दर्शाया गया है। इस अनुसार, भारत में सौर ऊर्जा का योगदान 2015 में 0.5% था, जो 2023 में 5.8% तक बढ़ गया।

22 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुसार, सौर ऊर्जा वैश्विक बिजली उत्पादन में 2030 तक 22 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की उम्मीद है। भारत ने नवीकरणीय क्षमता को तीन गुना बढ़ाने की योजना बनाई है, जो कि कुछ दूसरे देशों में भी है। इस योजना के अनुसार, भारत को अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए वार्षिक क्षमता में भारी वृद्धि करने की आवश्यकता है।

Read More:

SHARE
- Advertisement -
RELATED ARTICLES

Most Popular