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International Women’s Day की कब कहाँ और किसने की थी शुरुआत, जानें डिटेल्स

• LAST UPDATED : March 7, 2024

India News (इंडिया न्यूज़)Delhi, International Women 2024 Day: कहते हैं एक महिला ही सारे रिश्तों को निभाती है और किसी भी क्षेत्र में महिलाओं का योगदान पुरुषों से कहीं ज्यादा होता है। वह घर की देखभाल के साथ-साथ ऑफिस की जिम्मेदारियां भी बखूबी निभाती हैं। इतना ही नहीं महिलाएं देश की प्रगति में भी अहम भूमिका निभाती हैं।

महिलाओं को उनके कार्यों के लिए विशेष सराहना देने के लिए हर साल 8 मार्च को न केवल देश में बल्कि दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है ताकि पूरी दुनिया महिलाओं की उपलब्धियों का जश्न मना सके।

क्या है इतिहास?

इस खास दिन की नींव 1908 में पड़ी थी जब न्यूयॉर्क की 15 हजार महिलाओं ने एक साथ आकर विरोध प्रदर्शन किया था। इन महिलाओं से ओवरटाइम काम कराया जाता था।

आंदोलनकारी महिलाओं की मांग थी कि उनके दैनिक कामकाजी घंटों को कम किया जाए. इसके अलावा महिलाओं ने वोट देने के अधिकार की भी मांग की. कहा जाता है कि यह पहला मौका था जब इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं ने अपने हक के लिए आवाज उठाई थी. परिणामस्वरूप, एक साल बाद अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया।

कब और कहां से शुरू हुआ महिला दिवस?

इस महिला आंदोलन के बाद सबसे पहले अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की, लेकिन इस राष्ट्रीय कार्यक्रम को पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 1911 में मनाया गया। इस दिन को अंतरराष्ट्रीय बनाने का विचार सबसे पहले क्लारा ज़ेटकिन नाम की महिला के मन में आया। 1910 में कोपेनहेगन में आयोजित कामकाजी महिलाओं के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में क्लारा ने पहली बार इस विचार को दुनिया के सामने रखा।

क्लारा के इस सुझाव को उन 100 महिलाओं का समर्थन मिला जो 17 देशों के प्रतिनिधि के तौर पर इस सम्मेलन का हिस्सा बनने आयी थीं. क्लारा के इस सुझाव को मंजूरी दे दी गई और 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी, स्विट्जरलैंड जैसे देशों ने राष्ट्रीय महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस में बदल दिया। इस खास दिन की शताब्दी 2011 में मनाई गई थी और इस साल दुनिया महिला दिवस की 110वीं वर्षगांठ मना रही है।

आपको बता दें कि इस दिन को मनाने की आधिकारिक घोषणा 1975 में की गई थी जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे मनाना शुरू किया था।

ऐसे राष्ट्रीय आयोजन बना अंतरराष्ट्रीय

हालाँकि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के क्लारा के सुझाव को मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन यह अभी भी स्पष्ट नहीं था कि यह कार्यक्रम हर साल किस दिन मनाया जाएगा। यह साल 1917 था जब रूसी महिलाओं के एक आंदोलन ने यहां की सत्ता में बड़ा उलटफेर कर दिया था। यह आंदोलन यहां की महिलाओं द्वारा रोटी और शांति की मांग को लेकर किया जा रहा था।

चार दिनों के विरोध के बाद महिलाओं की जीत हुई और तत्कालीन रूसी ज़ार को सत्ता छोड़नी पड़ी। इसके साथ ही यहां की महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी मिल गया. आपको बता दें कि जिस दिन रूसी महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया, जूलियन कैलेंडर के मुताबिक वह तारीख 23 फरवरी थी और दिन रविवार था. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह तारीख 8 मार्च थी. इस तरह हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा।

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