Car Buying Tips: क्या आप वाहन को लेकर किसी बिजनेस की प्लानिंग कर रहे हैं? तो ये खबर आपके काम की हो सकती है। दरअसल, प्राइवेट वाहन खरीदने के लिए और कमर्शियल वाहन खरीदने के लिए अलग-अलग प्रक्रिया होती है इसमें अलग-अलग तरह के डाक्यूमेंट्स और फॉर्मेलिटीज की जरुरत पड़ती है। जिसके बारे में आपको पहले से पता होना चाहिए।
अगर आप कार खरीदने की तैयारी कर चुके हैं तो आपको ऑथराइज्ड डीलरशिप पर जाने से पहले अपने साथ पेन कार्ड आधार कार्ड, अपना स्थायी पता या किराये के घर का रेंट एग्रीमेंट का प्रूफ, कार ड्राइविंग लइसेंस (कमर्शियल) जैसे सभी डोक्युमेंट साथ होने चाहिए।
भारत में करीबन 90 प्रतिशत से ज्यादा कारों की खरीददारी लोन पर की जाती है। अगर आप भी लोन पर कार ले रहे हैं तो इसके लिए आपको कुछ और डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी। जैसे आपके बैंक अकाउंट की छह महीने की स्टेटमेंट, नौकरी करते वाले लोगो की तीन महीने की सैलरी स्लिप, बिजनेस वालो कि पिछले 2 सालों की ITR डिटेल्स, स्थायी पते का प्रूफ, किराये पर रहते हैं तो रेंट अग्रीमेंट। इसके अलावा एक व्यक्ति गारंटर के तौर पर जो उस जगह का स्थायी रहने वाला हो। इतना ही नहीं लोन होने के बाद पैन कार्ड आधार कार्ड और बिजली के बिल की एक कॉपी भी देनी होती है।
बता दें कि एक्स शोरूम कीमत के बाद जो ऊपर खर्चा आता है, उसमें से बड़ा हिस्सा व्हीकल के डॉक्यूमेंटशन का ही होता है जिसमें इंश्योरेंस RC परमिट और प्रदूषण (PUC) जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट शामिल होते हैं। जब आप नया वाहन खरीदते हैं तो ये सरे डॉक्यूमेंट एजेंसी की तरफ से ही तैयार कराकर दिए जाते हैं। अगर आप 8-10 लाख रूपये तक की कार खरीद रहे हैं तो अमूमन 70,000-80,000 तक का खर्चा डॉक्यूमेंटशन में हो जाता है।
ये भी पढ़ें: 2023 में आने वाली हैं मारूति की ये शानदार कारें, लिस्ट में Thar भी शामिल